Thursday, December 11, 2008

आख़िर क्यूँ ?

अगर मैं कहूँ कि अपने इस पहले ब्लॉग को लिखते हुए मुझे अत्यन्त हर्ष की अनुभूति हो रही है और इसके माध्यम से मैं अपने भीतर हिलोरे मार रही विचारों की लहरों को शब्दों के धरातल पर उतार लाना चाहता हूँ तो शायद आपमें से अधिकांश लोग अपनी भौहें टेढ़ी कर लें।

नहीं समझे ??
चलिए आपकी भाषा में समझाता हूँ... means a Biggg No to this article.
अब समझ गए होंगे !
जी हाँ ! शायद आप इस आर्टिकल को आगे पढ़े ही ना। सोचें पता नहीं कौन सी भाषा में लिखा है ? अब इसे क्या कहा जाए ? अपनी राष्ट्रभाषा का अपमान, फैशन स्टेटमेंट या फ़िर english mania. इंग्लिश इस कदर हिन्दी पर हावी हो चुकी है की अपने ही देश में अपनी राष्ट्रभाषा refugee सी लगती है। ऐसा लगता है इस देश में आतंकवादियों के बाद सिर्फ़ दो ही गुनाहगार और बाकी हैं... एक तो बेचारा पप्पू (क्यूँकि pappu can't dance sala) और दूसरा हिन्दी बोलने वाले लोग।
इंटरव्यू हो, मीटिंग हो, पार्टी हो या फ़िर प्रधानमंत्री का देश के नाम संदेश ...सब कुछ इंग्लिश में। लेकिन शायद कुछ ही लोग होंगे जो शुद्ध हिन्दी या इंग्लिश बोलते हैं बाकियों का काम आज भी yes, no, ok, sorry, thank you और mention not से ही चल रहा है।
लेकिन कब तक ऐसे चलता ?
बस ढूँढ लिया जुगाड़ ..."Hinglish" !! जनसँख्या बढ़ाने के अलावा "जुगाड़" ही तो एक ऐसी चीज़ है जिसमे हिन्दुस्तानी सबसे आगे हैं। बस फ़िर क्या था बन गई hinglish आम आदमी की भाषा।
"The language of a common Indian man."

ये एक ऐसी भाषा है जिसे आम आदमी आसानी से समझ और बोल सकता है। और यही कारण है कि Film Industry हो या Advertising Industry सभी ने दिल खोल के इसका स्वागत किया। मैं भी इसे सही मानता हूँ क्यूंकि भाषा केवल अपने विचारों को व्यक्त करने का ही माध्यम नहीं होती बल्कि भाषा वो है जिसके ज़रिये जितनी आसानी से आप अपनी बात कहते हैं उतनी ही आसानी से सामने वाला आपकी बात समझ सके। इसी वजह से चाहे "ठंडा मतलब Coca-cola" हो या "ये दिल मांगे more" या फ़िर "youngistan" सभी ने आम आदमी के दिल पर दस्तक दी।

अब आलम ये है कि इस वक्त बनने वाले 90% विज्ञापन या तो हिन्दी में होते हैं या फ़िर हिंगलिश और ये बात Ad Agencies में बैठे हुए बड़े-बड़े "आला अफसर" भी अच्छी तरह जानते हैं लेकिन फ़िर भी हिन्दी Copywriters के साथ सौतेला व्यवहार होता है।
आख़िर क्यूँ ?

35 टिप्पणियाँ:

SIMMI HEM JOSHI said...

Abe tu to ekdum dhinchak likhne laga hai...bole to jhakkas...Lagta hai jaise dil par chot khai hai

nidhi said...

kya baat hai............ tu to star ban gaya...... :) artical is realy good i linked punches the most good concept n all over it gets 10/10.
all the best...........
;) mast hai na.....
keep it up k............
;)

Gyan Dutt Pandey said...

ये सिम्मी जी का कमेण्ट तो बहुत बढ़िया है!

!!अक्षय-मन!! said...

aapke doston ki tarif mei hamari bhi tarif shamil hai bhai......
wakai accha pryaas hai..
๑۩۞۩๑वंदना शब्दों की ๑۩۞۩๑

Kavita Vachaknavee said...

हिन्दी ब्लॊग जगत् में आपका स्वागत है।
खूब लिखें, निरन्तर लिखें, बढ़िया लिखें>..

और अपने दोस्तों से ढिंचक, मस्त और झक्कास जैसी टिप्पणियाँ पाने के साथ-साथ हम सब से भी
वाह-वाह पाएँ। हां~ यह गारंटी है कि हम अबे तबे तो नहीं कह सकेंगे।

रंजन (Ranjan) said...

Welcome आप लिखते रहिये. हम पढ़ते रहेगें

ghughutibasuti said...

आपका स्वागत है ।
घुघूती बासूती

Gyan Darpan said...

हिन्दी ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है | आपके ब्लॉग का आज ही ज्ञानदत्त जी की पोस्ट से पता चला |

रचना गौड़ ’भारती’ said...

भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लि‌ए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com

दिनेशराय द्विवेदी said...

हिंगलिश भी चलती है लेकिन हिन्दी का आनंद कुछ और ही है।

Sulabh Jaiswal "सुलभ" said...

आपका लेखन सराहनीय है. लेकिन Hinglish के अलावा हम सब उर्दू और अन्य क्षेत्रीय भाषाओँ का भी इस्तेमाल करते हैं. कहने का मतलब जो चीजे आसानी से जुबां पे चढ़ जाए वही हिन्दुस्तान में दौड़ जाए. तभी तो लोग हिन्दी ब्लॉग का भी अच्छा आनंद उठा रहे हैं. लिखते रहिये.

आपका साथी - सुलभ (यादों का इंद्रजाल )

prabhat gopal said...

good writing

सतीश पंचम said...

ढींचक पोस्ट और रापचीक विचार। लिखते रहिये।

Unknown said...

सबसे पहले तो आपका स्वागत्!

भाई साहब, आपको या मुझ जैसे लोगों को हिंगलिश अपनी राष्ट्रभाषा का अपमान, फैशन स्टेटमेंट या फ़िर english mania लगता है तो क्या फर्क पड़ता है, आम लोग तो इसे पसंद करते प्रतीत होते हैं।

G Vishwanath said...

ज्ञानदत्तजी के ब्लॉग से होकर यहाँ आ टपका।
स्वागतम्!
लिखिए, खूब लिखिए।
चाहे शुद्ध हिन्दी हो, या बाज़ारी हिन्दी या हिंग्लिश।
हमें सब अच्छी लगती है।
हमें केवल विचार से मतलब है।
हम भी हिंग्लिश बोलने वालों में से एक हैं।
लेकिन टिप्पणी हिन्दी ब्लॉगजगत के पंडितों से डरकर केवल हिन्दी में या अंग्रेज़ी में ही की है।
अब यहाँ हिंग्लिश भी ट्राई करते हैं।
आपका ब्लॉग ने हमें यह चान्स भी दे दिया।
रिगार्ड्स
G विश्वनाथ, JP नगर, बेंगळूरु

ताऊ रामपुरिया said...

आपके बारे मे पांडॆ जी (मानसिक हलचल) ने बताया तो आपकि ये पोस्त पढने चले आये ! वाकई आप तो ढिन्चक लिखते हो भाई !
मजा आगया !

राम राम !

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर लेख...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

दिगम्बर नासवा said...

सत्य वचन, हिंगलिश की जय हो

PD said...

अरे टेंप्लेट्वा तो बहुते मस्त है.. अऊर लिख्खे भी मस्त हैं..
अरे भैया आप तो मचाये हुये हैं, दूसरे ही पोस्ट में इत्ता सारा कमेंट तो अपने समीर भैया को भी इत्ती जल्दी नसीब नहीं हुई होगी..
मस्त है गुरू.. बस ऐसे ही लिखते रहो भाई.. :)

एक बात और कहूंगा.. आपके मित्र भी बहुत अच्छे हैं जो यहां आकर आपका उत्साहवर्धन कर रहे हैं..

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत बढिया पोस्ट लिखी है।सदा इसी तरह लिखते रहें।शुभकामनाएं !

Kirtish Bhatt said...

स्वागत आपका अशोक जी.
शुरू तो हो लिए ..अब बस जारी रखियेगा ये सिलसिला. इंस्पायर (रोज़ लिखने के लिए) होने के लिए रोज़ ज्ञानजी और अलोक पुराणिक जी के ब्लॉग पर मत्था टेकें. :D
आपको हार्दिक शुभकामनायें.

प्रवीण त्रिवेदी said...

हिन्दी ब्लॉग जगत में प्रवेश करने पर आप बधाई के पात्र हैं / आशा है की आप किसी न किसी रूप में मातृभाषा हिन्दी की श्री-वृद्धि में अपना योगदान करते रहेंगे!!!
इच्छा है कि आपका यह ब्लॉग सफलता की नई-नई ऊँचाइयों को छुए!!!!
स्वागतम्!
लिखिए, खूब लिखिए!!!!!


प्राइमरी का मास्टर का पीछा करें

Unknown said...

हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है, मेरी शुभकामनायें… एक अर्ज है कि कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें, ताकि टिप्पणी करने में कोई बाधा न हो… धन्यवाद।

हें प्रभु यह तेरापंथ said...

भाई अशोक
सबसे पहले तो इस ब्लोगिया भीड मे आपका हार्दिक स्वागत। हिन्दि प्रेम कि बात उचित है किन्तु लोकतन्त्र मे आपको बराबर दृष्टी देनी पडेगी। यहॉ मार्केट मे कई तरह के ब्लोगस चल रहे है। कोई दिखने मे सुन्दर है। कोई लिखने मे तो आपको निश्चय करना है क्यो कि यह एक आपकी व्यक्तिगत डायरी है जो लोगो मे बॉटना चाहते है। इसमे पाठक नगण्य है। पाठकगण जो है सभी ने अपनी अपनी दुकान खोली हुई है । और एक दुसरे मेहमान नवाजी करते है। मै भी उसी भिड का हिस्सा हु। आजकल इसमे सबसे अधिक जो मार्केट मे चल रहा है वो कविता के ब्लोग । ओर उस पर अधिकतर महिलाओ का आधिपत्य है। अच्छे साहित्यकार/विचारक/चिन्तको कि दुकान पर ग्रहाकी कम है। थोडा लम्बा पर चिन्तनीय विषय है। हिन्दी ब्लोगस अभी बाल रुप है। आओ कदम से कदम मिलाओ और वास्तविक हिन्दि पाठको कि एक चैन तैयार करो। आपके ब्लोग का रुप बडा ही सुन्दर लगा। आप ब्लोग डीजाईनर है तो लोगो का मार्ग दर्शन करे।

Unknown said...

i must say u r tooo good man keep it up aur bahut kuch likhana hai ab. n plzz write something about me also hehehe... u r the best n u have to prove it... aur chak de india....v r always with u..anytime....

hopping mind said...

Taarifo ke pool me khud ko dooba mat lena,
balloon ki tarah khud ko fula mat lena,
ek se kaam nahi chalega, aur lakh bhi kam parenge.....

to ummeed hai kalam yuhi chalti rehe, jajjbaat yuhi behti rahe aur ye blog yuhi bharti rahe.
keep it up.....:)

deepak said...

mastttttt hai be.....bole to chaukaasssssss....

Udan Tashtari said...

हिन्दी ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है.

P.N. Subramanian said...

हिन्दी ब्लॊग जगत् में आपका स्वागत है।
खूब लिखें, निरन्तर लिखें,अच्छा लिखें.

seema gupta said...

हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है, शुभकामनायें"

Regards

मोहन वशिष्‍ठ said...

ढिन्चक ढिन्चक ढिन्चक भाई ये वर्ड्स वेरिफिकेशन हटा लो ढिन्चक ढिन्चक ढिन्चक

गौतम राजऋषि said...

"मानसिक हलचल" से आपके ब्लौग पर पहुँचा...

स्वागत है आपका....और लेखन शैली मन को भायी

ब्लौग की रूप-रेखा बहुत मनोरम.बधाई!
एक सवाल था ये ब्लौग-हेडर की तस्वीर जो मुझे "caal of duty" याद दिलाती है,तो क्या ये सही है?

Arshad Iqbal said...

maine aapke lekh se bahut kuchh seekha hai.padhkar aisa laga jaise kisi ne mere man ki baat churali ho...tum ek saandaar chor ho,
ek safal lekhak wahi hai jo dusron ke man ki baat chura le...
...ok!good shood...

Vandana said...

amazing yar.....did u write anything new? keep writing yar :)

pjpoip said...
This comment has been removed by the author.